उत्तराखंड

बनभूलपुरा: सुप्रीम कोर्ट फैसले से पहले सतर्कता, रेलवे अतिक्रमण मामले की कल सुनवाई

हल्द्वानी स्थित बनभूलपुरा क्षेत्र में आगामी दो दिसंबर को होने वाली सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से पहले प्रशासन पूरी तरह सतर्क हो गया है। रेलवे की भूमि पर अतिक्रमण से जुड़े इस बहुचर्चित मामले में सर्वोच्च न्यायालय कल सुनवाई करेगा, और संभव है कि अदालत अपना निर्णय भी सुना दे। मामले की संवेदनशीलता और संभावित स्थिति को देखते हुए पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने रविवार को क्षेत्र का दौरा कर व्यवस्थाओं की समीक्षा की।

अधिकारियों ने बताया कि रेलवे ट्रैक से सटे क्षेत्र में वर्षों से रेलवे की भूमि पर बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हुआ है। रेलवे का कहना है कि बनभूलपुरा में लगभग 29 एकड़ जमीन पर करीब 4365 अतिक्रमणकारी बसे हुए हैं। कई वर्ष पहले रेलवे ने अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन मामला न्यायालय में चला जाने के कारण कार्रवाई रोकनी पड़ी थी।

सुनवाई से एक दिन पहले सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रविवार को बहुउद्देशीय भवन में एसएसपी डॉ. मंजूनाथ टीसी ने उच्च स्तरीय बैठक की। बैठक में डीएम ललित मोहन रयाल ऑनलाइन शामिल हुए, जबकि रेलवे, आरपीएफ और अन्य विभागों के अधिकारियों ने भी भाग लिया।

एसएसपी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि कानून व्यवस्था को प्रभावित करने या सरकारी कार्रवाई में बाधा डालने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि अवैध हथियार रखने, संसाधन जुटाने या अफवाह फैलाने वाले तत्वों से सख्ती से निपटा जाएगा।

उन्होंने बताया कि पर्याप्त संख्या में फोर्स तैनात की गई है और सुरक्षा उपकरण—जैसे हेलमेट, डंडे, बॉडी प्रोटेक्टर आदि—फोर्स को उपलब्ध करा दिए गए हैं। रेलवे ने भी अपने क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत की है और सुनवाई वाले दिन आरपीएफ की विशेष तैनाती रहेगी।

बैठक में एसपी क्राइम डॉ. जगदीश चंद्र, एसपी सिटी मनोज कुमार कत्याल, नगर निगम के अधिकारी, रेलवे इंजीनियरिंग टीमें, आरपीएफ के अधिकारी, वन विभाग और यूपीसीएल के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे।

प्रशासन ने रविवार को बनभूलपुरा को चार सेक्टरों में बांटकर व्यापक सत्यापन और चेकिंग अभियान चलाया। एएसपी लालकुआं दीपशिखा के नेतृत्व में हल्द्वानी, रामनगर और नैनीताल सर्किल के अधिकारियों ने इंदिरानगर, बड़ी रोड, छोटी रोड, शनिवार बाजार, ढोलक बस्ती, गफूर बस्ती, रेलवे स्टेशन परिसर और लाइन नंबर 1 से 18 तक सघन जांच की।

इस दौरान पुलिस ने लगभग 350–400 लोगों का सत्यापन किया। सत्यापन न मिलने पर 32 व्यक्तियों पर पुलिस एक्ट के तहत कार्रवाई की गई। यातायात नियमों के उल्लंघन पर 10 वाहन चालकों को चालान किया गया और नशे में वाहन चलाने पर एक वाहन सीज कर दिया गया।

एसएसपी ने बताया कि संवेदनशीलता को देखते हुए यह कार्रवाई एहतियातन की गई है ताकि किसी भी संभावित परिस्थिति में तुरंत प्रतिक्रिया दी जा सके।

रविवार को एसएसपी डॉ. मंजूनाथ टीसी ने बनभूलपुरा के संभ्रांत लोगों और समुदाय प्रतिनिधियों के साथ शांति कमेटी की बैठक भी आयोजित की। बैठक में उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सभी को सम्मान करना चाहिए और किसी भी तरह के दुष्प्रचार या भ्रामक संदेशों से बचना अनिवार्य है।

उन्होंने सोशल मीडिया पर उकसाने वाली सामग्री पोस्ट या फॉरवर्ड न करने की अपील करते हुए चेतावनी दी कि दुष्प्रचार करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। एसएसपी ने कहा कि अराजक तत्वों की पहचान में समुदाय की सामूहिक जिम्मेदारी अहम है और सबको मिलकर शांति बनाए रखनी होगी।

बैठक में मौजूद सामाजिक प्रतिनिधियों और पार्षदों—जैसे मोहम्मद नबी, मौलाना मुफीम कासमी, सलीम सैफी, इमरान खान, तस्लीम अंसारी और धर्मवीर—ने भी फैसले का सम्मान करने और कानून व्यवस्था बनाए रखने का आश्वासन दिया। बैठक में एसडीएम राहुल शाह, सिटी मजिस्ट्रेट गोपाल सिंह चौहान और सीओ सिटी अमित कुमार सैनी भी उपस्थित रहे।

एसएसपी डॉ. मंजूनाथ टीसी ने कहा कि प्रशासन सोशल मीडिया गतिविधियों पर नजर रख रहा है और खुफिया तंत्र को सक्रिय कर दिया गया है। उन्होंने दोहराया कि अदालत के आदेशों के पालन में सभी से सहयोग की अपेक्षा है और शांति व्यवस्था को बिगाड़ने वालों पर किसी भी स्तर पर ढिलाई नहीं बरती जाएगी।

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