उत्तराखंड

घटिया नमक प्रकरण में बड़ा सवाल— खाद्य मंत्री को नोटिस क्यों नहीं?

घटिया नमक प्रकरण में बड़ा सवाल— खाद्य मंत्री को नोटिस क्यों नहीं?

जन संघर्ष मोर्चा ने उठाई सरकार की कार्यप्रणाली पर शंका

विकासनगर।(उत्तराखंड बोल रहा है) घटिया और मिलावटी नमक प्रकरण को लेकर सरकार की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। जन संघर्ष मोर्चा ने खाद्य मंत्री की कथित मिलीभगत और कमीशनखोरी को लेकर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि सरकार असल दोषियों को बचाने और मासूमों पर कार्रवाई करने में जुटी है।

मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकारवार्ता में बताया कि खाद्य मंत्री के इशारे पर कल राशन विक्रेताओं और अन्य पर नोटिस जारी किए गए, जबकि घटिया नमक की खरीद में असली भूमिका उसी मंत्री की है, जिनके संकेत पर यह नमक लिया गया था।
नेगी ने तंज कसते हुए कहा—
“सरकारी आपूर्ति का सीलबंद नमक विक्रेताओं ने ही बांटा, तो उनका कसूर क्या? उन्होंने नमक घर में बनाकर रखा था क्या?”

मोर्चा का कहना है कि सरकार का यह कदम पूरी तरह तुगलकी फरमान है और जिम्मेदारी का बोझ उन लोगों पर डाला जा रहा है जो केवल सरकारी निर्देशों का पालन करते हैं।

नेगी ने याद दिलाया कि मोर्चा ने कई महीने पहले ही सरकार, विशेषकर खाद्य मंत्री को अघुलनशील व घटिया नमक के संबंध में आगाह किया था कि कमीशनखोरी के चलते जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ न किया जाए। लेकिन सरकार ने चेतावनी को अनसुना कर दिया और आज उपभोक्ताओं को खतरा झेलना पड़ रहा है।

मोर्चा ने सवाल दागा—
“गुजरात की गंधार फूड प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड को नोटिस जारी हो गया, पर खाद्य मंत्री पर कार्रवाई कब होगी?”
क्या मंत्री के खिलाफ भी कार्रवाई होगी या सरकार उन पर हाथ डालने से बच रही है?

मोर्चा ने मांग की कि—
1️⃣ खाद्य मंत्री की कथित मिलीभगत और कमीशनखोरी की जांच तत्काल शुरू की जाए।
2️⃣ राशन विक्रेताओं को जारी नोटिस तत्काल वापस लिए जाएं।
3️⃣ जनता के स्वास्थ्य से जुड़ी इस गंभीर गड़बड़ी में जिम्मेदार अधिकारियों पर भी कड़ी कार्रवाई हो।

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