उत्तराखंड

दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़, 8 गिरफ्तार; मास्टरमाइंड सानू फरार

नई दिल्ली, 21 नवंबर । दिल्ली पुलिस ने दक्षिणी दिल्ली के सतबरी गांव में चल रहे एक अंतरराष्ट्रीय फर्जी कॉल सेंटर का खुलासा करते हुए आठ लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में एक महिला भी शामिल है, जबकि गिरोह का सरगना सानू मौके से फरार हो गया। पुलिस ने उसकी तलाश में विशेष टीम गठित की है।

विदेशी नागरिक थे निशाने पर

पुलिस के मुताबिक यह कॉल सेंटर एक आवासीय भवन में संचालित हो रहा था, जिसमें वीओआईपी कॉलिंग सिस्टम और विदेशी डेटाबेस की मदद से विदेशी नागरिकों को निशाना बनाया जाता था। कॉल सेंटर की व्यवस्था इतनी प्रोफेशनल थी कि यह देखने में एक वैध अंतरराष्ट्रीय कस्टमर सपोर्ट ऑफिस जैसा दिखाई देता था।

छापेमारी में जब्त हुई बड़ी इलेक्ट्रॉनिक सामग्री

पुलिस ने मौके से कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए हैं, जिनमें—

कंप्यूटर सिस्टम

मोबाइल फोन

वीओआईपी सॉफ्टवेयर

विदेशी डेटा

धोखाधड़ी में इस्तेमाल दस्तावेज

शामिल हैं। जांच में पता चला है कि जिस इमारत से यह सेंटर चलता था वह सानू के भाई रिहान उर्फ टिन्नी के नाम दर्ज है। पुलिस ने इमारत सील कर दी है।

बड़े साइबर नेटवर्क का हिस्सा

दिल्ली पुलिस की यह कार्रवाई हाल ही में शुरू किए गए बड़े साइबर ऑपरेशन का हिस्सा है। इससे पहले 10 नवंबर को दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड और पंजाब में बड़े पैमाने पर छापेमारी कर डिजिटल अरेस्ट और निवेश धोखाधड़ी से जुड़े कई अपराधियों को पकड़ा गया था।

स दौरान पुलिस को:

5 करोड़ रुपये से अधिक की क्रिप्टोकरेंसी,

फर्जी कंपनियों का रिकॉर्ड,

सैकड़ों मोबाइल फोन, सिम और चेकबुक

बरामद हुए थे।

डर, ब्लैकमेल और फर्जी निवेश थे तरीके

जांच में पता चला कि गिरोह खुद को विदेशी एजेंसियां, पुलिस या इंटरपोल का अधिकारी बताकर लोगों को डराता था और “डिजिटल अरेस्ट” के नाम पर ब्लैकमेल करता था। इसके अलावा यह गिरोह फर्जी निवेश प्लेटफॉर्म बनाकर ऊंचे रिटर्न का लालच देकर बड़ी ठगी करता था।

युवाओं और छात्रों को बना रहे थे ‘म्यूल’

गिरफ्तार आरोपी आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों, पीजी में रहने वाले युवाओं और बेरोजगारों को पैसे का लालच देकर म्यूल अकाउंट खुलवाते थे, जिनसे अंतरराष्ट्रीय लेनदेन को छिपाया जाता था।

मुजरिम अभी भी बाहर, बड़े खुलासों की उम्मीद

फरार मास्टरमाइंड सानू की तलाश जारी है। पुलिस का कहना है कि प्रारंभिक जांच से यह नेटवर्क बड़े अंतरराष्ट्रीय साइबर सिंडिकेट से जुड़ा हुआ है और आने वाले दिनों में और गिरफ्तारी हो सकती हैं।

गिरफ्तार आरोपी

सुमित कुमार

अतुल शर्मा (कुरुक्षेत्र)

राहुल मांडा (हिसार)

वरुण अंचल उर्फ लक्की (जालंधर)

अमित कुमार सिंह उर्फ कार्तिक (सारण)

तीन अन्य आरोपी

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