उत्तराखंड

उत्तराखंड में IAS-IFS अफसरों की बढ़ती फौज, ऑल इंडिया सर्विस के कैडर रिव्यू पर फिर मंथन

राज्य में अफसरों की बढ़ती फौज के बीच गड़बड़ाया वन महकमे का पिरामिड, IAS के लिए भी कैडर रिव्यू पर मंथन जारी

देहरादून: उत्तराखंड में ऑल इंडिया सर्विस के अफसरों का कैडर रिव्यू होने जा रहा है. भारतीय वन सेवा (IFS) के कैडर में जहां 6 अधिकारियों की संख्या बढ़ाने की तैयारी है, तो भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अफसरों के कैडर रिव्यू पर भी चिंतन चल रहा है. खास बात ये है कि राज्य में साल दर साल अधिकारियों की फौज तेजी से बढ़ी है. विशेषकर वन महकमे में तो विभागीय ढांचे का पिरामिड ही गड़बड़ा सा गया है. उत्तराखंड में ब्यूरोक्रेसी को लेकर ईटीवी भारत की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट.

उत्तराखंड में अफसरों को बढ़ती फौज: देशभर में विभिन्न राज्यों के लिए ऑल इंडिया सर्विस के अफसरों की संख्या केंद्र से निर्धारित की जाती है. इस दौरान राज्य सरकार के स्तर पर हर 5 साल में कैडर रिव्यू का प्रस्ताव केंद्र को भेजा जाता है, जिसमें समय के साथ राज्यों को अफसरों की जरूरत के लिहाज से कैडर रिव्यू करने की व्यवस्था होती है. उत्तराखंड सरकार भी इन दिनों कैडर रिव्यू के इसी मंथन में जुटी है. एक तरफ भारतीय वन सेवा (IFS) के लिए राज्य स्तर से केंद्र को रिव्यू प्रस्ताव भेज दिया गया है, तो भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) पर मंथन जारी है.

ऑल इंडिया सर्विस के कैडर रिव्यू पर फिर मंथन: भारतीय वन सेवा (IFS) की स्थिति को देखें, तो इस बार राज्य ने IFS के कैडर में 6 अफसरों की बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव भेजा है, जिसमें 1 पद CCF तो 5 DFO पद के लिए कैडर रिव्यू में बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव है. उधर दूसरी तरफ भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के लिए भी इन दिनों कैडर रिव्यू पर मंथन चल रहा है. माना जा रहा है कि जल्द ही कैडर रिव्यू में कितने पदों को बढ़ाया जाना है, इसपर प्रस्ताव तैयार कर केंद्र को भेज दिया जाएगा.

भारतीय वन सेवा के अफसरों की संख्या: उत्तराखंड में जानिए भारतीय वन सेवा के अफसरों की संख्या के लिहाज से स्थिति

प्रदेश में टोटल IFS अफसरों की निर्धारित संख्या 112 है. लेकिन राज्य में कुल IFS 58 ही मौजूद हैं. जिसमें IFS सीधी नियुक्ति के 55 और प्रमोशन से IFS कैडर के शामिल होने वालों की संख्या 3 है. यानी केंद्र से IFS अफसरों का राज्य के लिए जो कोटा तय हुआ है, उसमें से प्रदेश को काफी कम अफसर दिए गए हैं. इसके बावजूद राज्य ने फिर 6 अफसरों की संख्या कुल कोटे में बढ़ाने का प्रस्ताव भेज दिया है.

क्या कहते हैं रिटायर्ड फॉरेस्ट ऑफिसर: इस मामले में भारतीय वन सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी जयराज कहते हैं कि-

ऑल इंडिया सर्विस के अफसर अपने कैडर पोस्ट को बढ़ाने की इच्छा रखते हैं. भले ही उसकी जरूरतों या ना हो. उधर दूसरी तरफ राज्य सर्विस के अधिकारी भी कैडर की संख्या बढ़ने का समर्थन करते हैं, ताकि ऑल इंडिया सर्विस में उनके इंडक्शन के संख्या भी बढ़े. लेकिन इस पर हकीकत में एक थर्ड पार्टी ऑडिट होना चाहिए, ताकि जरूरत के लिहाज से ही कैडर रिव्यू हो सके और बेवजह राज्य पर वित्तीय बोझ ना पड़े.
-जयराज, रिटायर्ड आईएफएस अधिकारी-

IAS के लिए कैडर रिव्यू पर मंथन जारी: भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) की संख्या पर गौर करें तो उत्तराखंड बनने के बाद पिछले 25 सालों मे IAS कैडर में भी रिव्यू के बाद भारी बढ़ोत्तरी की गई है. जानिए समय समय पर कैसे बढ़ा IAS का कैडर.

उत्तराखंड में आईएएस कैडर

  • राज्य स्थापना के दौरान साल 2000 में आईएएस कैडर के कुल राज्य में 68 पद थे
  • साल 2004 में इस संख्या को बढ़ाकर 94 कर दिया गया
  • इसके बाद साल 2010 में कैडर रिव्यू के बाद IAS अफसरों के कैडर की संख्या 120 पहुंच गई
  • साल 2015 में कैडर रिव्यू के दौरान बढ़ोत्तरी नहीं करने का निर्णय लिया गया
  • साल 2021 में 6 पद बढ़ाकर IAS कैडर को 126 पर पहुंचा दिया गया
  • उधर एक बार फिर IAS के लिए कैडर रिव्यू पर मंथन जारी है

कैडर पद की तुलना में उत्तराखंड को मिले हैं कम आईएएस अफसर: भारतीय प्रशासनिक सेवा में उत्तराखंड में फिलहाल 126 कैडर पद की तुलना में 104 IAS राज्य को मिले हैं. जबकि साल 2026 तक भी कई IAS अधिकारी सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं.

हर 5 साल में होता है मंथन: राज्यों में कैडर रिव्यू को लेकर हर 5 साल में होने वाले मंथन के दौरान केवल अफसरों की संख्या बढ़ाने का ही मकसद नहीं होता. रिव्यू का मतलब जरूरत ना होने पर कैडर को कम भी किया जा सकता है. लेकिन ऐसा कभी किया नहीं गया.

भारतीय वन सेवा के पिरामिड का बदला स्वरूप: चिंता की बात यह है कि राज्य में वन विभाग के अंतर्गत भारतीय वन सेवा के लिए ढांचे में पिरामिड का स्वरूप बदल गया है. यहां PCCF स्तर के तीन अधिकारी होने चाहिए, लेकिन मौजूदा समय में IFS के इस सर्वोच्च रैंक पर 6 अधिकारी मौजूद है. इसी तरह एपीसीसीएफ रैंक पर चार अधिकारियों के बजाय 6 अधिकारी मौजूद हैं. राज्य में CCF की 14 पोस्ट हैं, लेकिन अधिकारी सिर्फ 10 ही हैं.

फील्ड के अधिकारियों की संख्या है कम: इसी तरह CF के पद पर भी 14 पद हैं, जबकि अधिकारी सिर्फ 12 मौजूद हैं. विभाग में सबसे महत्वपूर्ण डीएफओ के लिए कुल 31 पद मौजूद हैं, लेकिन अधिकारियों की संख्या 23 ही है. यानी ऊपर के पदों पर जरूर से ज्यादा अधिकारी, तो फील्ड के अधिकारियों की संख्या राज्य में कम बनी हुई है.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button