उत्तराखंड

कोटद्वार में विवाद सुलझाने गई पुलिस टीम पर हमला, 10 महिलाओं समेत 14 गिरफ्तार

यूपी-उत्तराखंड बॉर्डर के गांव में आयोजित रामलीला के दौरान कुछ युवकों ने उत्तराखंड की महिलाओं पर पटाखे फेंक दिए थे

पौड़ी गढ़वाल: कोतवाली कोटद्वार क्षेत्र में रामलीला के दौरान हुए विवाद को सुलझाने पहुंची पुलिस खुद हंगामे में फंस गई. स्थिति इतनी बिगड़ गई कि लोगों ने पुलिस टीम को दौड़ा लिया. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. पुलिस ने मामले में सख्त रुख अपनाते हुए 22 नामजद समेत 15 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 10 महिलाओं समेत 14 आरोपितों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया.

लोगों के विवाद ने लिया हिंसक रूप: जानकारी के अनुसार, देवरामपुर क्षेत्र की महिलाएं यूपी के तल्ला मोटाढाक में रामलीला देखकर लौट रही थीं. इस दौरान यूपी के युवकों ने उनके साथ अभद्रता करते हुए जलते पटाखे फेंके. विरोध करने पर मारपीट की गई. गांव वालों का आरोप है कि मौके पर पहुंची पुलिस ने हमलावरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की. इससे लोगों का गुस्सा भड़क गया. महिलाओं ने आरोप लगाया कि पुलिस ने देवरामपुर के युवकों को पकड़ लिया, जबकि अभद्रता करने वाले युवकों को अलग ले जाने लगी.

गांव वालों ने पुलिस से आरोपी युवकों को अलग न ले जाकर मौके पर ही फैसला करने की मांग की गई. इस बात को लेकर एसआई और महिलाओं में तीखी नोकझोंक हो गई. इसके बाद गुस्साए लोगों ने पुलिस टीम पर हमला कर दिया. गुरुवार सुबह देवरामपुर के लोग दोनों युवकों को पुलिस हिरासत से छुड़ाने पहुंचे तो इस दौरान बीती रात पुलिस से उलझने वाले कुछ लोगों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया.

10 महिलाओं समेत 14 लोग गिरफ्तार: कोटद्वार में 22 अक्टूबर को रामलीला के आयोजन के दौरान दो पक्षों के बीच उत्पन्न विवाद ने स्थानीय प्रशासन और पुलिस के लिए चुनौती खड़ी कर दी. अपर पुलिस अधीक्षक चंद्र मोहन सिंह ने बताया कि-

विवाद की सूचना पुलिस को समय पर मिली थी. प्रारंभिक जांच में पता चला कि रामलीला स्थल पर दो समूहों में आपसी विवाद के चलते स्थिति तनावपूर्ण हो गई थी. पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए विवाद के एक पक्ष के कुछ व्यक्तियों को थाने बुलाकर पूछताछ की कोशिश की. इसी दौरान दूसरे पक्ष के कुछ लोगों ने पुलिस टीम पर अचानक हमला कर दिया. इस हमले में कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए. उन्होंने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए तुरंत कड़ी कार्रवाई की. इस मामले में तत्काल प्रभाव से एफआईआर दर्ज की गई और 10 महिलाओं सहित कुल 14 लोगों को गिरफ्तार किया गया. सभी आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया और न्यायालय ने उन्हें जेल भेजने के आदेश दिए.
-चंद्र मोहन सिंह नेगी, अपर पुलिस अधीक्षक-

पुलिस ने शांति बनाए रखने की अपील की: अपर पुलिस अधीक्षक ने यह भी बताया कि इस घटना में शामिल कुछ अन्य व्यक्तियों के नाम पहले ही दर्ज हैं, जबकि करीब 15 लोग अज्ञात हैं. अज्ञात व्यक्तियों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार विवेचना कर रही है. शीघ्र ही उन्हें भी न्यायालय के समक्ष पेश किया जाएगा. अपर पुलिस अधीक्षक चंद्र मोहन सिंह ने नागरिकों से शांति बनाए रखने का आग्रह करते हुए कहा कि पुलिस कानून और व्यवस्था बनाए रखने में पूरी तरह सक्षम है. किसी भी प्रकार की हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

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