गंगोलीहाट में दुकान में लग रही छात्रों की पाठशाला, 2 साल से क्षतिग्रस्त है सरकारी विद्यालय भवन

विद्यालय भवन नहीं बनने पर अभिभावकों ने जताई चिंता, दी उग्र आंदोलन की चेतावनी
पिथौरागढ़: प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को ठीक करने के सरकार भले ही लाख दावे करती है, लेकिन इन दावों की हकीकत अक्सर सामने आ ही जाती है. इसका एक ताजा उदाहरण सीमांत जनपद पिथौरागढ़ के गंगोलीहाट तहसील में देखने को मिला है. गंगोलीहाट का प्राथमिक विद्यालय अनरगांव को शिक्षा महकमे को आईना दिखाने के लिए काफी है.
दुकान में पढ़ने को मजबूर हैं छात्र: इस स्कूल के बच्चे स्कूल की जगह किराए की दुकान में बैठकर पढ़ाने करने को मजबूर हैं. दरअसल आपदा के कारण दो साल पहले इस स्कूल का भवन रात में भरभराकर गिर पड़ा था. शुक्र था कि वो आपदा दिन में नहीं आई थी, वरना यहां मासूम की जान पर संकट आ जाता. हादसे के बाद भी सरकारी सिस्टम की नींद नहीं खुली.
दो साल पहले आपदा की भेंट चढ़ गया था स्कूल भवन: अभी तक नए विद्यालय भवन के निर्माण की पहल तक नहीं हुई. बच्चे हफ्तों तक घरों में बैठे रहे. फिर गांव के लोग ने खुद आगे आये. बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था खुद करने की ठानी. अनरगांव के ही ग्रामीण श्याम सिंह ने विद्यार्थियों के भविष्य को देखते हुए अपनी दुकान निशुल्क विद्यालय संचालन के लिए दी. तब से यह विद्यालय इसी दुकान में चल रहा है. असल विद्यालय भवन खंडहर में तब्दील हो चुका है.
बीडीसी मेंबर ने जताई चिंता: अनरगांव की बीडीसी सदस्य प्रियंका शिक्षा विभाग के रवैए पर चिंता जताती हैं. उन्होंने कहा कि-
दुकान के एक कमरे में विद्यार्थी कैसे पढ़ेंगे. शिक्षा विभाग को इन सवालों का जवाब देना होगा. शिक्षा व्यवस्था की बेहतरी की बातें सिर्फ कागजों तक सीमित हैं, जो बहुत चिंता का विषय है.
-प्रियंका देवी, बीडीसी मेंबर, अनरगांव-
अभिभावकों की सरकार से गुहार: एक अभिभावक ने कहा कि वो बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित हैं-
दुकान के कमरे में पढ़ना बच्चों मजबूरी है. यह भी बंद हो गया, तो बच्चों को चार किलोमीटर दूर अन्य विद्यालय में जाना पड़ेगा. छोटे बच्चों के लिए ऐसा करना असंभव है. सरकार को शीघ्र इस पर ध्यान देना चाहिए.
-भागीरथी देवी, अभिभावक-
विद्यालय भवन नहीं बना तो आंदोलन की चेतावनी: एक अन्य अभिभावक ने कहा कि सरकार के संज्ञान में कई बार मामला ला चुके हैं, लेकिन कुछ नहीं हुआ.
शिक्षा विभाग और सरकार से मामले में कई बार पत्राचार किया गया. मामले का संज्ञान न लेना दुर्भाग्यपूर्ण है. यही कारण है कि सरकारी शिक्षा व्यवस्था बेहतर नहीं हो पा रही है. यदि शीघ्र व्यवस्था ठीक नहीं होती है, तो उग्र आन्दोलन किया जायेगा.
-मंजू देवी, अभिभावक-
एक कमरा, पांच कक्षाएं, सात विद्यार्थी: पांच कक्षाओं के सात विद्यार्थी एक ही कमरे में बैठते हैं. एक कोने में शिक्षक ब्लैकबोर्ड पर पढ़ाते हैं. यहां दूसरे कोने में भोजन माता मिड-डे मील बनाती हैं. न किताबों के लिए जगह है और ना ही खेलने का मैदान.
बीएसए ने दिया आश्वासन: जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि-
प्राथमिक विद्यालय अनरगांव के नए भवन के लिए बजट की गणना तैयार कर शासन को भेजा है. स्वीकृति मिलते ही भवन निर्माण का काम शुरू कराया जाएगा.
-तरुण पंत, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी-



