उत्तराखंड

वन्यजीव सप्ताह 2025 का आयोजन, देहरादून में केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने लॉन्च की 5 राष्ट्रीय परियोजनाएं

देहरादून में केंद्रीय मंत्री ने प्रजाति संरक्षण और संघर्ष प्रबंधन के लिए पांच राष्ट्रीय स्तर की परियोजनाओं का शुभारंभ किया.

देहरादून: इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी देहरादून में वन्यजीव सप्ताह 2025 का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने की. समारोह का आयोजन मंत्रालय द्वारा वन्यजीव संस्थान भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद, IGNFA और वन अनुसंधान संस्थान के सहयोग से किया गया. खास बात ये है कि इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने पांच राष्ट्रीय परीयोजनाओं को लांच भी किया.

प्रोजेक्ट डॉल्फिन को द्वितीय चरण लॉन्च: देहरादून में केंद्रीय मंत्री ने प्रजाति संरक्षण और संघर्ष प्रबंधन के लिए पांच राष्ट्रीय स्तर की परियोजनाओं का शुभारंभ किया. दरअसल, राष्ट्रीय वन्य जीव बोर्ड की बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विभिन्न विषयों पर अपना दृष्टिकोण और मार्गदर्शन दिया था. इससे संबंधित विभिन्न परियोजनाओं को शुरू किया गया है. इसमें प्रोजेक्ट डॉल्फिन (द्वितीय चरण) को लॉन्च किया गया.

प्रोजेक्ट स्लॉथ बेयर: देशभर में नदीय और समुद्री डॉल्फिन के संरक्षण उपायों को सुदृढ़ करने के लिए प्रोजेक्ट डॉल्फिन के द्वितीय चरण को शुरू किया गया है. इसके अलावा प्रोजेक्ट स्लॉथ बेयर को भी लॉन्च किया गया. इसमें स्लॉथ भालू के संरक्षण के लिए राष्ट्रीय कार्यान्वयन ढांचे और सूचनापत्रिका का शुभारंभ किया गया.

घड़ियाल संरक्षण के लिए कार्ययोजना: इस दौरान प्रोजेक्ट घड़ियाल पर भी कदम बढ़ाया गया. इसमें घड़ियाल संरक्षण के लिए कार्ययोजना और परियोजना ब्रॉशर का विमोचन किया गया. कार्यक्रम के दौरान राज्य में मानव-वन्यजीव संघर्ष प्रबंधन उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना की दिशा में भी कदम बढ़ाए गए. इसमें नीति, शोध और फील्ड आधारित समाधान को बढ़ावा देने के लिए साकोन में राष्ट्रीय केंद्र की स्थापना करने का निर्णय लिया गया.

बाघों और मानव के बीच संघर्ष: उधर संरक्षित क्षेत्रों के बाहर बाघों और मानव के बीच संघर्ष समाधान के लिए तकनीक, प्रशिक्षण और सामुदायिक सहयोग पर आधारित पहल की गई. केंद्रीय मंत्री ने चार राष्ट्रीय कार्य योजनाओं और फील्ड गाइड्स का भी अनावरण किया, जिनमें नदीय डॉल्फिन और अन्य सिटेशियन प्रजातियों की जनगणना का दूसरा चरण, ऑल इंडिया टाइगर एस्टीमेशन साइकिल-6, स्नो लेपर्ड जनसंख्या आकलन योजना और ग्रेट इंडियन बस्टर्ड व लेसर फ्लोरिकन पर प्रगति रिपोर्ट शामिल हैं.

कार्यक्रम में मानव-वन्यजीव सह-अस्तित्व पर राष्ट्रीय हैकाथॉन का फाइनल भी आयोजित किया गया, जिसमें 20 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 75 संस्थानों के 420 युवाओं की 120 टीमों ने भाग लिया. देहरादून में आयोजित फाइनल में शीर्ष छह फाइनलिस्ट ने मंत्री और विशेषज्ञ जूरी के सामने अपने नवाचार प्रस्तुत किए. शीर्ष तीन विजेताओं को नकद पुरस्कार और प्रमाण-पत्र प्रदान किए गए, जबकि अन्य फाइनलिस्टों को प्रशंसा पुरस्कार दिया गया.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button